एक मजबूत जवाबी कार्रवाई में, भारत ने सभी एयरलाइंस को गैर-अधिकारिक रूप से चीनी नागरिकों को भारत में हवाई यात्रा से रोकने के लिये कहा है। यह कार्यवाही चीन द्वारा भारतीयों को उनके देश में उड़ान भरने से रोकने की नयी चाल के बाद उठाया गया है। भारत और चीन के बीच उड़ानों को वर्तमान में ससपेंड कर दिया गया है, लेकिन फ़िलहाल विदेशी नागरिकों पर ऐसी कोई पाबन्दी नहीं है, जिसका फायदा उठाकर चीनी नागरिक पहले तीसरे देश के लिए फ्लाइट ले रहे हैं, और उसके बाद वहां से भारत के लिए उड़ान भरते हैं। अब भारत ने इस तरह की फ्लाइट पर भी रोक लगा दी है।
इस तरह के एयर बबल देशों यानि किसी तीसरे देश में रहने वाले चीनी नागरिक भी काम और बिज़नेस के लिए भारत में एयर ट्रेवलकरते रहे हैं। इसी बात को ध्यान में रखते हुए, भारतीय और विदेशी दोनों एयरलाइनों को खासतौर से कहा गया है कि वे चीनी नागरिकों को भारत न भेजें। फिलहाल भारत में टूरिस्ट वीजा अभी बैन है, लेकिन विदेशियों को काम करने के लिये और नॉन-टूरिस्ट वीजा की कुछ अन्य श्रेणियों में एयरट्रेवल करने की छुट है। इसका फायदा उठाते हुए ज्यादातर चीनी नागरिक यूरोप के रास्ते भारत से आ रहे थे।
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कुछ एयरलाइनों ने अधिकारियों से रिटन आर्डर की भी माँग की है ताकि वे भारत के लिए एयर ट्रेवल के लिए बुक किए गए चीनी नागरिकों को मना करने की साफ साफ वजह बता सकें। दरअसल चीन ने भारतीय सैलर्सको अपनेपोर्ट्स पर ही रोक लिया है, यहां तक कि क्रू को भी बदलने की इजाज़तनहीं दे रहा,इससे इंटरनेशनल फ्लैग मर्चेंट जहाजोंके लगभग 1,500 भारतीय कर्मचारीचीनी पोर्ट्स पर फंस गये हैं क्योंकि वे घर वापस नहीं आ सकते।नाहीचीन तत्काल राहत के लिए तैयार होता हुआ नज़र आ रहा है।
हालांकि इसके पीछे दो वजहे बताई जा रही हैं हैं, पहली वजह, चीन ऑस्ट्रेलिया को टारगेट करना चाहताथा, जिसके कोयले पर चीन नेबैन लगा दिया है, जिस वजह से भारतीय सैलर्स भी इस रस्सा-कसी का शिकार हो गये और दूसरी वजह है भारत ने चीन से इमोर्ट सामानों को भारतीय पोर्ट्स पर रोका हुआ है, उन्हें 100% चेक के बिना, क्लियर करने पर रोक है, दरअसल इसके पीछे वजह है घटिया चीनी सामानों को भारत में डंप होने से रोकना, और 15 जून को गलवानमें हुए खूनी झड़प के बाद भारत ने चीन को सबक सिखाने की ठान ली है जिसमे चीनी सामानों को बैन करने से लेकर चीनी एप्स पर कड़ी कार्यवाही भी शामिल है।जिस वजह से चीन को करोडो का नुकसान उठाना पड़ रहा है, यही वजह है चीन बोखलाया हुआ है। इसी बोखलाहट में चीन इस तरह की बचकानी हरकत कर रहा है, इसी तरह नवम्बर में चीन ने विदेशी नागरिकों के लिये चीनी वीसा पर बैन लगा दिया था जिसमें भारत भी शामिल है, हालाकिं भारतीय डिप्लोमेट्स को इस बैन से अलग रखा गया है।
वहीँ चीन इसके पीछे 30 अक्टूबर के एयर इंडिया वंदे भारत मिशन दिल्ली-वुहान की उड़ान के लगभग 20 पैसेंजर्सके पॉजिटिव पाए जाने और अन्य 40 में कोरोना महामारी के एंटीबॉडीज पाए जाने को वजह बता रहा है, और साथ ही इसको अस्थायी कार्यवाही का हिस्सा बता रहा है।
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चीन के जाल में पाकिस्तान:चीन ने इमरान खान के कंगाल पाकिस्तान को दिखाई 'औकात', कर्ज से पहले मांगी इमरान सरकार से 6 अरब डॉलर की एडिश्नल गारंटी
जहाँ एक तरफ ग्वादर पोर्ट भी चीन अब तक पूरा नहीं कर पाया है। वहीँ अब नई दिक्कत पेशावर से कराची तक बनाई जाने वाली रेल लाइन को लेकर आ गई है। चीन ने पाकिस्तान सेएडिश्नल लोन गारंटी मांगी है। मतलब पाकिस्तानको लुटने की तैयारी स्टार्ट हो चुकी है।
चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) को लेकर पाकिस्तान सरकार मुसीबतों के दलदल में फंसती नजर आ रही है। 60 अरब डॉलर के इस प्रोजेक्ट के एक अहम हिस्से को पूरा करने के लिए शी जिनपिंग सरकार ने पाकिस्तान से 6 अरब डॉलर की एडिश्नल गारंटी मनी यानि जमानत राशिमांगी है। अगर इमरान खान सरकार यह गारंटी मनी नहीं देती तो बीजिंग प्रोजेक्ट रोक सकता है। वैसे भी चीन ने इसकी रफ्तार बेहद धीमी कर दी है। हमनें तो सुना था चीन पाकिस्तान का आल वेदर फ्रेंड है, हिमालय से ऊँची, और शहद से मीठी दोस्ती है ? अब कहाँ गयी मिठास? पाकिस्तानियों अब भी वक़्त है समझ जायो तुम्हे लूट रहा है चीन, ऐसे मिठास से डायबिटीज हो जायेगी।
रेलवे ट्रैक को मंजूरी लेकिन फंड नहीं
सीपैक का एक अहम हिस्सा रेलवे ट्रैक है। इसे मेन लाइन-1 नाम दिया गया है। पाकिस्तान सरकार इसे जल्द पूरा करने की गुहार लगा रही है। लेकिन, चीन ने काम शुरू करने के पहले 6 अरब डॉलर की एडिशनल गारंटी मांगी है। इस पर इमरान सरकार की बोलती बंद है। किस किस को गारंटी दे बेचारा ? और क्याक्या गारंटी दे ? यूएई पैसे वापिस मांगता है तो सऊदी अरब से उधार लेकर देता है, सऊदी उधार वापिस मांगता है तो चीन से भीख मांग कर चुकता करता है अब चीन गारंटी मांग रहा तो अब कटोरा किसके आगे फैलाये इमरान खान ? बड़ी टेंशन हो गयी ये तो, कुछ दिन पहले ही चीन से एक अरब डॉलर कर्ज लेकर सऊदी अरब को 3.2 अरब डॉलर के कर्ज की दूसरी किस्त चुकाई है। ऐसे में यह सवाल लाजिमी है कि जिस सरकार के पास एक अरब डॉलर नहीं हैं, वो 6 अरब डॉलर गारंटी फंड कहाँ से देगी?चीनियों कुछ तो शर्म करलो किस्से गारंटी मांग रहो हो ?
बीते दिनों चीन और पाकिस्तान के अफसरों की सीपैक को लेकर मीटिंग हुई थी। मीटिंग के दौरान चीनी अफसरों ने एडिश्नल गांरटी का मुद्दा नहीं उठाया। लेकिन, मीटिंग के बाद जो ड्राफ्ट जारी किया गया, उसमें यह मुद्दा शामिल था। एमएल-1 के तहत पेशावर से कराची के बीच के रेलवे ट्रैक को डबल लाइन किया जाना है, यह पूरी तरह नया बनाया जाएगा। मुझे एक चीज़ समझ नहीं आता जब पाकिस्तान के पास रेलवे लाइन बिछाने के पैसे नहीं हैं ? फिर उधार लेकर ऐसी रेल लाइन बिछाने का क्या मतलब ? ये तो वही बात हो गयी की खाने के पैसे ना हो पर बंदा किडनी बेच कर कार में घुमे, क्या फायदा इससे ? बोलो पाकिस्तानियों ? ऐसी रेल लाइन बिछ भी गयी तो जो अंडा अभी 40 से 50 रुपये में खा रहे हो, वो बहुत जल्दी 100 का खाओगे, सोच लो फिर ना कहना बताया नहीं था हमने।
चीन भारत से लगी सीमा LAC के पास तैनात कर रहा है आयरन मैन सोल्जर्स।
अब बात करते हैं आखिर चीन ने ऐसा क्यों किया ?
पिछले दिनों इमरान ने G-20 देशों से कर्ज चुकाने पर मोहलत मांगी थी। जो उसे मिल भी गई थी,जिससे पाकिस्तान के पास विदेशी मुद्रा भंडार फिलहाल बच गया है। यानि पाकिस्तान क़र्ज़ में डूबने ही वाला था की G-20 से मोहल्लत मिल गयी, कहने का मतलब ये है, जब तक पाकिस्तान पूरी तरह से कंगाल नहीं होता, तब तक चीन पाकिस्तान को पूरी तरह से घुटनों पर नहीं ला पायेगा, और मनमाने तरीके से इसका फायदा नहीं उठा पायेगा।एमएल-1 रेल प्रोजेक्ट पर कुल 6.8 अरब डॉलर खर्च होंगे। इसमें चीन 6 अरब डॉलर की तो एक्स्ट्रा गारंटी मांग रहा है, जबकि यह सीपैक एग्रीमेंट का ही हिस्सा है। मतलब अग्रीमेंट के ऊपर एक और अग्रीमेंट, ये है हिमालय वाली दोस्ती जिसमें पाकिस्तान को पटक के मारनें की तैयारी में है चीन।
पाकिस्तानी अफसर चीन के इस रवैये से बेहद हैरान हैं। उनहें समझ में नहीं आ रहा है कि चीन ने एडिशनल गारंटी का मुद्दा बिल्कुल अचानक और आखिर में क्यों उठाया ? पाकिस्तान को उम्मीद थी कि 6 अरब डॉलर के लोन पर चीन 1% ब्याज ही लेगा। लेकिन, अब चीन ने इसे भी2.38% कर दिया है। मतलब साफ है चीन स्क्रू धीरे धीरे टाइट कर रहा है, अब बहुत मुश्किल है कि इस रेल प्रोजेक्ट पर जल्द काम शुरू हो पाए। और हो भी गया तो एक और नये क़र्ज़ में डूबेगा पाकिस्तान, वहीँ इस लोन को 10 साल में वापस किया जाना है। पाकिस्तान को कुल लोन अमाउंट का 85 फीसदी 15 साल में वापस करना है। अब एक सवाल क्या पाकिस्तान ये क़र्ज़ चूका पायेगाबोलो ? कितने प्रतिशत भारतीय और पाकिस्तानियों को ऐसा लगता है ? a) 100% b) 50% c) 80% ड) 110% अपना जवाब कमेंट बॉक्स में जरुर दें।
आखिर में बात करते हैं क्या बंद हो जाएगी पाकिस्तान रेलवे ?
वैसे जो हाल है उसमें रेलवे क्या पाकिस्तान ही बंद ना हो जाये, ये उससे भी बड़ा सवाल है।
लेकिन दिक्कत तब और बढ़ गई जब पाकिस्तानी रेलवे के बारे में यह खबर आई कि उसके पास कर्मचारियों की सैलरी देने के लिए पैसा नहीं है। हाल ही में शेख राशिद की जगह आजम स्वाती को रेलवे मिनिस्टर बनाया गया है। उन्होंने पिछले दिनों इशारों में कहा था कि अगर यही हालात रही और रेलवे को पैसा नहीं मिला तो रेलवे ही बंद करना पड़ेगा।लो अब खुद रेलवे मिनिस्टर ही कह रहा है, कि वो कंगाल हो चुकें हैं फिर हम क्या बोलें।
लद्दाख में फिर हो सकता है खूनी टकराव, लेकिन चीन के लिए नहीं होगा आसान।
भारत एंटी-RF'काउंटर ड्रोन तकनीक' से करेगा पाकिस्तान और चीन को चित्त
भारत जल्द अपने सीमा सुरक्षा बल बीएसएफ को एक नये एडवांस्ड तकनीक से लैस करेगा ताकि देश के पश्चिमी क्षेत्र में हथियारों और ड्रग्स की तस्करी के लिए इस्तेमाल होने वाले पाकिस्तानी ड्रोन का मुकाबला किया जा सके जिसका इस्तेमाल पाकिस्तानी तस्कर और आतंकवादीभारतीय कश्मीर और पाकिस्तान से लगी सीमा वाले राज्यों में कानून व्यवस्ता ख़राब करने के लिए हाल फ़िलहाल में नयी स्ट्रेटेजी के तौर पर करने लगें हैं।खुफिया एजेंसियों की चेतावनी के बाद भारत "काउंटर ड्रोन सॉल्यूशंस" को डेवेलप कर रहा है जो इस तरह की अवैध गतिविधियों पर रोक लगायेगी जिसमें भारत की आंतरिक और बाहरी सुरक्षा को नुकसान पहुंचाने की क्षमता है।
पाकिस्तान में बैठे हैंडलर्स द्वारा उड़ाए जाने वाले ड्रोन के लिंक को तोड़ने के लिये भारतीय सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के लिये एंटी-रेडियो फ़्रीक्वेंसी (RF) ट्रांसमिशन सिस्टम को डेवेलप किया जा रहा है।लाइव ट्रायल शुरू कर दिया गया है और दूसरा पायलट रन हाल ही में खत्म हुआ है जिसमें सॉल्यूशंन टेस्टिंग से लेकर ड्रोन डिटेक्शन और टारगेट सिस्टम तक सभी पहलुओं को कवर किया जा रहा है।ड्रोन को दूर से कण्ट्रोल करने के लिए, इसके साथ वायरलेस तरीके से संपर्क करने की जरुरत होती है। रेडियो फ्रिक्वेंसी वेव इन ड्रोन को दूर से कण्ट्रोल करने का एक तरीका है। इसी रेडियो फ्रीक्वेंसी को तोड़ने वाली एंटी-रेडियो फ़्रीक्वेंसी सिस्टम को डेवेलप किया जा रहा है।
3Hz से 30Hz तक को एक्सट्रीमली लो-फ्रीक्वेंसीमाना जाता है और हाई फ्रीक्वेंसी रेडियो वेव्स 300 GHz से 3,000 GHz तक हो सकती हैं। रेडियो को काम करने के लिए, मेसेज भेजने के लिए एक ट्रांसमीटर होना चाहिए और मेसेज रिसीव करने के लिए एक रिसीवर होना चाहिए,इसी तरह से एक एयरक्राफ्ट को भी दूर कण्ट्रोल किया जाता है, साथ ही इसमें, ट्रांसमीटर और रिसीवर को समान फ्रीक्वेंसी पर ट्यून करनाहोता है। रेडियो फ्रीक्वेंसी को कण्ट्रोल करने या इसे तोड़ने के लिए सभी पॉइंट्स को मापा जाएगा। "रेडियो फ़्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन" सिस्टम फ़्रीक्वेंसी को पकड़ने में मदद करेगा और इसे यहाँ से कंट्रोल करेगा या दूसरी तरफ से इसका कनेक्शन तोड़ देगा।
ड्रोन तकनीक में अपार संभावनाएं हैं और निति आयोगके अनुसार अगले 15 वर्षों में यह सेक्टर 50 बिलियन डॉलर को भी क्रॉस कर जायेगा। भारत में हथियारों और नशीले पदार्थों की तस्करी के लिए ड्रोन तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है, इंटरनल सिक्यूरिटी और अन्य पहलुओं के मद्देनजर एक एंटी ड्रोन सिस्टम की जरुरत महसूस की जा रही है। बीएसएफ, जो 3,323 किलोमीटर की भारत-पाकिस्तान सीमाओं की रखवाली कर रहा है, वो हथियारों और ड्रग्स की तस्करी को रोकने के लिये प्राइवेट फर्मों के साथ साथ काउंटर ड्रोन सॉल्यूशन मुहैया कराने वाले अन्य स्टेक होल्डर्स से भी बातचीत कर रहा है।
हाल के वर्षों में पंजाब के गुरदासपुर, सलच गाँव से लेकर जम्मू कश्मीर के आरएसपुरा सेक्टर में इसी तरह के ड्रोन से सप्लाई किये जाने वाले पाकिस्तानी कन्साइनमेंट को पकड़ा गया है, जिससे भारत की सुरक्षा को खतरा पैदा हो गया है, इसके अलावा चीनी ड्रोन के खतरे से निपटने के लिये लदाख से लगी सीमा में एंटी ड्रोन सिस्टम की विशेष जरुरत है ताकि चीन की किसी भी चाल का जवाब समय रहते दिया जा सके।
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