नकुला में हालिया भारत-चीन फ्लैशपोइंट - भारतीय सेना के लिए क्यों बेहद महत्वपूर्ण है?
सिक्किम में नकुला सीमा पर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच नई टकराव भारत के लिए महत्वपूर्ण है।
नकुला पूर्वी हिमालय में 5,000 मीटर से अधिक की ऊंचाई पर मौजूद है। यहाँ चीनी सैनिकों ने एक घुसपैठ की कोशिश की थी, जिसके बाद भारतीय सेना से उनका सामना कर हुआ, जिसमें दोनों पक्षों के सैनिकों को चोटें आई हैं।
चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के सैनिकों को भारतीय सैनिकों ने पीछे धकेल दिया। भारतीय सेना ने एक बयान में यह बताया कि उत्तरी सिक्किम के नकुला क्षेत्र में 20 जनवरी 2021 को चीनी सैनिकों से मामूली आमना-सामना हुआ था और स्थानीय कमांडरों द्वारा इसको सुलझा लिया गया था। वहीं चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने भारत से टकराव के बाद संयम बरतने का आग्रह किया है। उनका कहना है कि भारत की सीमा पर शांति बनाए रखने के लिए चीन के सैनिक प्रतिबद्ध हैं। हम भारतीय पक्ष से आग्रह करते हैं कि हम उसी दिशा में काम करें और ऐसी कार्रवाइयों से परहेज करें जो हालात को जटिल करें या सीमा पर टकराव की स्थिति पैदा करें।
2022 तक तैयार होगा दुबई का हिंदू मंदिर, पीएम मोदी ने रखी थी नींव।
झाओ ने कहा, "हमें उम्मीद है कि दोनों पक्ष अपने मतभेदों का समाधान करके सीमा पर शांति और स्थिरता की रक्षा के लिए ठोस कार्रवाई करेंगे।"
पिछले साल जून में पूर्वी लद्दाख में दोनों सेनाओं की हिंसक झड़प जिसमें 20 भारतीय सैनिक शहीद हुए और करीब 100 चीनी सैनिकों के भी मारे जाने की बात सामनें आई थी, उसके बाद से यह दूसरी घटना है, जिसमें दोनों देशो के सैनिकों के बीच झड़प की।
घटना के बाद, दोनों पक्षों ने पूर्वी लद्दाख में लड़ाकू उपकरणों और हैवी आर्टिलरी के साथ सैकड़ों सैनिकों को तैनात किया। सैन्य स्तर की कई दौर की बातचीत के बावजूद टकराव अभी तक खत्म नहीं हुआ है। अधिकारियों के अनुसार, नाकूला क्षेत्र में पारंपरिक रूप से टकराव का खतरा नहीं रहा है और इसलिए हालिया घटना पूर्वी क्षेत्र में चीन के आक्रामक रवैये का एक और संकेत है।
विदेश नीति में छोटे से बदलाव से होगा चीन का ईलाज।
नाकूला एक संवेदनशील क्षेत्र माना जाता है। यह इलाका 1962 के भारत-चीन युद्ध के दौरान तबाह हो गया था। इसके पांच साल बाद 1967, सिक्किम में भारत चीन के बीच एक और झड़प हुई, जिसके परिणामस्वरूप दोनों पक्षों के सैकड़ों सैनिकों की मौत हो गई। सिक्किम जो एक प्रिंसली स्टेट हुआ करता था, 1975 में जनमत संग्रह के माध्यम से भारत का 22वां राज्य बना। यह उत्तर और उत्तर पूर्व में चीन से जुडे स्वतंत्र राज्य तिब्बत, पूर्व में भूटान और पश्चिम में नेपाल की सीमा से जुड़ा है।
भारतीय सैन्य विशेषज्ञों के अनुसार, सिक्किम की सीमा का नई दिल्ली के लिए बहुत महत्व है क्योंकि यह क्षेत्र भारतीय सेना को रणनीतिक लाभ देता है।
रिटायर्ड कर्नल दानवीर सिंह का विचार है कि भारतीय सेना इस क्षेत्र में ऊंचाई पर है और भारत को चीन के ऊपर रणनीतिक लाभ है। तिब्बत को जाने वाले क्षेत्र पर विवाद है, जबकि सीमा का दिमर्केशन बहुत स्पष्ट है। फिर भी चीन हमारे इलाकों पर दावा करता है। इसका मकसद सिर्फ भारत पर दबाव डालना है।
डिफेन्स एक्सपर्ट्स भी इस बात को हाईलाइट करते रहे हैं कि कैसे भारत मैदानी इलाकों का इस्तेमाल टैंकों को तैनात करने के लिए करता है। उन्होंने कहा कि भारत की इस इलाके में मजबूत स्थिति चीन को चिंतित करती है और तनाव की स्थिति में, नई दिल्ली नकुला में और उसके आसपास के इलाकों में चीन पर भारी पड़ सकता है।
United Nations ने अपने कर्मचारियों के उड़ान भरने पर लगाई रोक।
टकराव के बाद से दोनों देशों के शीर्ष सैन्य कमांडरों ने 24 जनवरी को तनाव को कम करने के लिए फिरसे बातचीत की है। मीडिया रिपोर्टों से पता चला था कि दोनों पक्षों को चोटें आई थीं। हालांकि, भारतीय सेना ने समाचार एजेंसियों को घटनायों को बढ़ा चढ़ा कर रिपोर्ट करने से रोकने की सलाह दी है।
दूसरी ओर, चीन के ग्लोबल टाइम्स के एडिटर इन चीफ ने भारतीय मीडिया रिपोर्टों को खारिज कर दिया और इसे "फेक न्यूज़" बताया है।
भारत कर रहा है सोलर-पावर्ड ड्रोन का विकास जो तिब्बत में रखेगा चीनी मूवमेंट पर नज़र।
भारतीय सशस्त्र बल अगले तीन से पांच वर्षों में सोलर पावर्ड ड्रोन, इन्फिनिटी से लैस होंगे।
इन्फिनिटी भारत के कॉम्बैट एयर टीमिंग सिस्टम (CATS) का हिस्सा है। अनमैंड एयर सिस्टम (UAS), इन्फिनिटी को हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) बेंगलुरू की स्टार्ट-अप न्यूस्पेस के साथ मिलकर डेवेलप कर रहे हैं।
भविष्य के युद्ध जरूरतों को ध्यान में रखते हुवे हवाई प्लेटफार्मों की अगली पीढ़ी स्ट्रैटोस्फियर को एक्सप्लॉइट करते हुए नेक्स्ट जनरेशन डेवलपमेंट की दिशा में आगे बढेंगी।
इन्फिनिटी को 90 दिनों तक 65,000 फीट से अधिक की ऊंचाई पर क्रूज करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इस ड्रोन की रेंज 200 किलोमीटर से अधिक हो सकती है। इसका मतलब यह है कि इसे तिब्बत के शिगात्से शहर में चीनी मिलिट्री मूवमेंट्स को ट्रैक करने के लिए तैनात किया जा सकता है।
इन्फिनिटी वॉरियर, अल्फा-एस स्वार्म ड्रोन या हंटर क्रूज मिसाइल जैसे अन्य भारतीय ड्रोन सिस्टम के साथ काम करेगा। विभिन्न प्रकार के सेंसरों और अत्याधुनिक सिंथेटिक एपर्चर रडार के साथ, इन्फिनिटी दुश्मन के इलाके के भीतर, लक्ष्यों पर गहरी नजर रखेगा और अटैक मिशंस को कोर्डिनेट करेगा। यह अटैक ड्रोन से जमीन पर मौजूद मोनिटरिंग स्टेशनों तक लाइव वीडियो फीड को भी रिले कर सकता है।
पाकिस्तानी पीएम इमरान खान ने बालाकोट को लेकर मोदी सरकार पर किया हमला।
बदलती सुरक्षा चुनौतियों के मद्देनजर, भारत ने CATS की शुरुआत की है, जो मानवयुक्त और मानव रहित प्लेटफार्मों का मिलन है, जो दुश्मन के हवाई क्षेत्र में भीतर तक घुस कर उसे तबाह करने की क्षमता रखेंगे। भारतीय सेना भी खुद को एडवांस्ड सिस्टम्स और ड्रोन से लैस कर रही है।
अब तक, भारत ने 75 स्वदेशी अनमैंड एरियल ड्रोन को शामिल किया है जो कॉम्बैट मिशंस में भी इस्तेमाल किए जायेंगे। कॉम्बैटड्रोन 15 जनवरी के सेना दिवस परेड में "स्वार्मटेक्नोलॉजी" डिस्प्ले का हिस्सा भी थे। चीन के साथ सीमा पर तनाव खत्म होता ना देख और सीमापार से पाकिस्तानी सीज़ फायर हिंसा के बढ़ते मामलों के कारण, भारत ने ड्रोन हासिल करने की प्रक्रिया को तेज कर दिया है। पहले भारत के पास केवल पाँच कॉम्बैट ड्रोन थे, लेकिन अगस्त 2020 में इससे ज्यादा ड्रोन खरीदे गए हैं।
ये ड्रोन 500 मीटर की दूरी से निशाना साध सकते हैं। भारतीय सेना ने आर्मी डे पर अपनी ड्रोन स्वीमिंग क्षमता का लाइव प्रदर्शन किया था।
क्या भारत की शॉर्ट-रेंज पृथ्वी-II मिसाइल अपने पाकिस्तानी काउंटर पार्ट गजनवी से ज्यादा शक्तिशाली है?
क्या भारत की देसी परमाणु क्षमता वाली कम दूरी की बैलिस्टिक पृथ्वी-2 मिसाइल अपने पाकिस्तानी काउंटर पार्ट, गजनवी की तुलना में अधिक शक्तिशाली है? इस्लामाबाद ने अपनी सरफेस टू सरफेस पर कम दूरी की मिसाइल गजनवी का सफलतापूर्वक परीक्षण करने का दावा किया है।
पारंपरिक और परमाणु दोनों तरह के वॉरहेड ले जाने में सक्षम गजनवी मिसाइल को पाकिस्तान के नेशनल डेवलपमेंट काम्प्लेक्स द्वारा डिजाइन और डेवेलप किया गया है। इस मिसाइल का पहला संस्करण 2004 में पाकिस्तान सेना की स्ट्रेटेजिक कमांड के साथ सेवा में आया था।
पिछले साल सितंबर और दिसंबर के बीच, भारत ने पृथ्वी की सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल के कई टेस्ट्सको कंडक्ट किया था। जहां गजनवी 700 किलोग्राम परमाणु और पारंपरिक वॉरहेड ले जा सकता है, वहीं पृथ्वी-2 1000 किलोग्राम वारहेड ले जाने में सक्षम है।
गजनवी मिसाइल की रेंज लगभग 290 किलोमीटर है और इसका नाम तुर्क आक्रमणकारी महमूद गजनवी के नाम पर रखा गया है। इस मिसाइल को बैलिस्टिक मिसाइलों के हत्फ परिवार के तहत हत्फ-III गजनवी के नाम से भी जाना जाता है। इस मिसाइल का लांच वजन 5200 किलोग्राम से अधिक है और यह एक सॉलिडफ्यूल रॉकेट मोटर सेऑपरेट होता है। गज़नवी स्पष्ट रूप से चीनी M-11 मिसाइल से इंस्पायर्ड है।
तो आखिर क्यों आकाश मिसाईल हो गई है ब्रह्मोस मिसाईल से भी बेहतर?
चीनी मिसाइल की तरफ यह झुकाव इसलिए भी दिलचस्प है, क्योंकि शुरू में, पाकिस्तान सरकार बीजिंग से M-11 मिसाइलों को हासिल करने पर जोर दे रही थी। यह कहा जाता है कि पाकिस्तानी प्रधान मंत्री बेनज़ीर भुट्टो ने 1980 के दशक में M-11 मिसाइलों के लिए व्यक्तिगत रूप से चीन से पैरवी की थी, लेकिन अमेरिका और मिसाइल टेक्नोलॉजी कण्ट्रोल रेजीम MTCR से दबाव की वजह से पाकिस्तान यह मिसाइल हासिल नहीं कर सका।
गजनवी मिसाइल M-11 जिसे DF-11 के रूप में भी जाना जाता है, उससे थोड़ा बढ़ा है, जिसकी लंबाई 9.64 मीटर और डायामीटर0.99 मीटर का है, जबकि चीनी मिसाइल की लंबाई 8.5 मीटर और डायामीटर 0.86 मीटर है। हालांकि, पाकिस्तान कहता है कि इस मिसाइल का निर्माण स्वदेशी रूप से किया गया है, जिसमें कोई विदेशी कनेक्शन नहीं है।
जहाँ एक तरफ इस्लामाबाद ने गजनवी को टेस्ट किया है, वहीँ भारत इंटीग्रेटेड गाइडेड मिसाइल डेवलपमेंट प्रोग्राम IGMDP के तहत अपनी मिसाइल टेक्नोलॉजी में तेजी से प्रोग्रेस कर रहा है। हत्फ-III गजनवी की तुलना में, भारतीय पृथ्वी-2 एक लिक्विड फ्यूलसिंगल स्टेज रॉकेट मोटर सेऑपरेट होता है, जिसकी रेंज लगभग 250-350 किलोमीटर है। 9 मीटर लंबी यह मिसाइल पहली बार IGMDP के तहत भारत के डीआरडीओ द्वारा डेवेलप की गई है। यह भारत की पहली स्वदेशी सरफेस टू सरफेस स्ट्रेटेजिक मिसाइल है। इसमें एडवांस्ड हाईस्पीड गाइडेंस सिस्टम भी लैस है।
Public Comments
Trending Articles
क्या हम एक ब्लैक होल में रह रहे हैं? क्या हमारा ब्रह्मांड एक विशाल ब्लैक होल है?
चलो घड़ी को उल्टा करते हैं और समय में पीछे जाते हैं। इसस..
नकुला में हालिया भारत-चीन फ्लैशपोइंट - भारतीय सेना के लिए क्यों बेहद महत्वपूर्ण है?
सिक्किम में नकुला सीमा पर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच..
2022 तक तैयार होगा दुबई का हिंदू मंदिर, पीएम मोदी ने रखी थी नींव।
यूएई के इस मंदिर की नींव पीएम Read More
विदेश नीति में छोटे से बदलाव से होगा चीन का ईलाज।
पिछले साल चीन द्वारा मार्च में चाईनीज़ वायरस के..
शहीद पति की आखिरी इच्छा पूरी करने के लिए परिवार की पहली अफसर बनेंगी ज्योति।
जम्मू-कश्मीर में शहीद नायक दीपक नैनवाल की पत्नी ज्योति न..
Top Rated Politicians
Rajya Sabha
Subrahmanyam Jaishankar, Gujarat
Public Rating
84%Rajya Sabha
Dr. Sudhanshu Trivedi, Uttar Pradesh
Public Rating
82%Track the leaders
Select the leaders from their respective constituencies