क्यों मोदी जी ने जनता से 'दीप जगाओ' का आह्वान किया और इससे क्या फायदा हुआ ?
कोरोना के इस महायुद्ध में दिनांक 02.04.2020 को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित करते हुए आह्वान किया था कि सभी देशवासी दिनांक 05.04.2020 की रात्रि को नौ बजे अपने घर के आंगन या बालकनी में खड़े होकर केवल नौ मिनटों के लिए दीप जगायें । 05 अप्रैल को देशव्यापी लॉकडाउन को कुल 09 दिन हो गए हैं और इसी दिन देशवासियों से घर की केवल लाईट बंद करने के पश्चात दीया, मोमबत्ती या मोबाईल की फ्लैश लाईट जगाने को कहा । उन्होंने इसे प्रकाश की अंधकार से लड़ाई बताया और समस्त देशवासियों को एकजुट होने को कहा । जैसा कि उन्होंने आह्वान किया था, देश के कोने – कोने से ऐसी तस्वीरें आईं, जिन्होंने वाकई यह दिखाया कि देश उनके संबोधन से प्रेरित होकर एकमत है और उनके नेतृत्व की अगुवाई में उनके साथ खड़ा है । कई बड़ी हस्तियां, जैसे मुकेश अंबानी, नीता अंबानी, रजनीकांत आदि से लेकर गृह मंत्री श्री अमित शाह, उपराष्ट्रपति श्री वैंकय्या नायडू, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ तथा स्वंय मोदी जी ने अंधकार में दीप जगाकर इस लड़ाई में देश की अगुवाई की । इसके अलावा आम जनता ने भी उनका भरपूर साथ दिया और कई तस्वीरें ऐसी भी आईं, जहां झुग्गी झोपड़ियों में भी लोग दीप जगाकर संकट की इस घड़ी में एकजुटता का प्रतीक बनकर उभरे ।
किंतु कुछ लोगों के मन में यह प्रशन अवश्य ही आता होगा कि आखिर मोदी जी ने पहले थाली बजाकर देशसेवा में लगे लोगों के धन्यवाद का आह्वान किया और अब दीप माला जगाने को कहा, तो इससे असल में देश को क्या प्राप्त होने वाला है । इन कार्यों को जनता से करवाने के पीछे की तर्क क्या हो सकते हैं ? क्या ये सब राजनीति से प्रेरित प्रदर्शन हैं ? या फिर जैसा कि कई लोग कह रहे हैं कि ज्योतिषी समीकरणों के आधार पर यह हो रहा है ? चलिए निम्नलिखित बिंदुओं द्वारा इनकी परते खंगालने की कोशिश करते हैं ।
1. धैर्य ही ईलाज: जिस तेजी से कोरोना वायरस पूरी दुनिया में फैला है और जिस तेजी से यह लोगों को अपना शिकार बना रहा है, उससे लड़ने के लिए कई कदम विश्वभर में उठाए जा रहे हैं । लेकिन अभी यह स्पष्ट नहीं है कि इसका असल में ईलाज क्या है और कबतक यह मानव जाति को प्राप्त हो पाएगा । यह बात सभी को पता है और इसीलिए मोदी जी बार – बार देशवासियों के समक्ष आ रहे हैं क्योंकि जबतक इसका कोई ईलाज नहीं मिल जाता, तब तक लोगों को धैर्य से ही काम चलाना होगा । हाल – फिलहाल के लिए केवल सामजिक दूरी रखना ही इसका एकमात्र ईलाज है । ऐसी विकट स्थिति में जनता को एक नेता की आवश्यकता होती है, जो अंधकारमय दिखाई पड़ते भविष्य में उनका नेतृत्व कर सही राह दिखा सके । अन्यथा लोग कुंठित होकर उग्र व बेकाबू हो जाते हैं । नरेंद्र मोदी विश्व के दुर्लभ नेताओं में से एक हैं तथा वे जनता की मानसिकता से भलि भांति परिचित हैं ।
2. एकजुटता का समय: ऐसा विकराल संकट स्वतंत्र भारत के इतिहास में शायद कभी नहीं आया था । यह संकट देश में ही नहीं, अपितु पूरे विश्व में छाया हुआ है । इसकी सबसे बुरी बात यह है कि किसी को नहीं पता की स्थिति कबतक सामान्य होगी । ऐसे में घरों में बंद होकर एक डर का वातावरण पनपता है । कई लोग अपने घरों में परिवार सहित हैं और कई लोग घरों से दूर अकेले बैठे हैं । इस प्रकार लोगों को एक – दूसरे से डर लगने लगा है । किसी पर भी विश्वास करना कठिन है कि कौन इन महामारी का वाहक होगा । और इसी डर को दूर करने के लिए और आपसी सहयोग एवं भाईचारा फिर से कायम करने के लिए इस तरह के देशव्यापी आयोजन कारगर सिद्ध हो सकते हैं । जिस प्रकार विभिन्न त्यौहारों में लोग एकजुट होते हैं और पुराने दुख भूलकर एक साथ खड़े दिखते हैं, यह भी एक त्यौहार ही है । सभी ने कोरोना के संकट में इतने दिनों की कुंठा और दूरियां भुला कर यह संदेश दिया है कि देशवासी चाहे दूरी बना कर जिएं, लेकिन मन से वे एकसाथ ही हैं । संकट की इस घड़ी में यह विचारधारा बहुत अधिक कारगर सिद्ध होती है ।
3. शांति और विनम्रता: ये दोनों ऐसे अस्त्र हैं जो किसी भी संकट में कारगर सिद्ध होते हैं । जब सभी लोग घरों में बंद हों तो सभी की स्थिति एक समान नहीं होती । किसी के पास अत्यधिक संसाधन होते हैं जिन्हें वे लंबे समय तक बिना काम किए भी भोग सकते हैं । किंतु भारत जैसे देश में बड़ी संख्या में लोग ऐसे हैं जिन्हें रोज की रोटी खाने के लिए रोज़ कमाना भी पड़ता है । इन असमानताओं के चलते सभी के स्वभाव में स्तिथि के अनुसार परिवर्तन होते हैं । इसीलिए अपना आपा न खोने और देश में शांति बनाए रखने के लिए एक नेता को नेतृत्व के इन गुणों का होना आवश्यक हो जाता है, अन्यथा कई देशों में तो गृह युद्ध जैसे हालात पनप चुके हैं और हंगरी में ऐसे हालात का फायदा उठा कर वहाँ के राष्ट्रपति ने असीमित काल के लिए या यूं कहें कि सदा के लिए स्वयं को राष्ट्रपति घोषित कर दिया है ।
4. सकारात्मकता एवं इच्छाशक्ति से जीत संभव: हाल ही में पंचकूला, हरियाणा में एक नर्स से कोरोना से ठीक होकर यह संदेश दिया है कि यदि हमारी इच्छाशक्ति है और मन से हम निडर हैं तो हम किसी चाहे कोई भी बिमारी ही क्यों न हो, उससे पार पा सकते हैं । विश्वभर में कई उम्रदराज लोग भी ठीक हो रहे हैं और उन सभी का मानना है कि उनमें मृत्यु से भय तनिक भी नहीं था, अपितु वे जीवन के प्रति सकारात्मक विचार रखते हैं । मुश्किल समय में यह पर्व इसी बात को लोगों के मन में घर करने की कोशिश करता है ।
5. अंधकार पर प्रकाश की विजय अवश्य: जैसा कि हर पर्व यही संदेश देता है और देश का सबसे बड़ा पर्व दीपावली भी इसी संदेश के साथ मनाया जाता है, अंधकार को एक दिन प्रकाश अवश्य पार पाएगा । भारतवर्ष के लोगों को दीपावली जैसे पर्व से उल्लास देकर बाकि पुरानी यादें भुलाना भी लोगों में इस विचार को जगह देना है । वे इसका अर्थ अवश्य समझ जाएंगे ।
6. नवरात्रि के नौ दिन: इसके अलावा अभी – अभी देश ने यह पहली बार सहा है कि नवरात्रि का त्यौहार भी बिना हर्षोल्लास से मनाए गुजर गया और लोग अपनी श्रद्धा के अनुसार इसे नहीं मना सके । शायद इसीलिए मोदी जी ने लॉकडाउन के इन नौ दिनों को नवरात्रि की भांति मनाने का आह्वान किया है और जाने – अंजाने में हमने इसे हर्षोल्लास के साथ मनाया भी है ।
यदि आप किसी ने भी यह “दीप जगाओ” उत्सव मनाया है तो अवश्य ही आपने उपरोक्त सभी बातों की अनुभूति भी की होगी । आशा है कि प्रधानमंत्री के इन प्रयासों से लोगों में सकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न हुई हो और सभी इस निराशावादी वातावरण से निकल कर आशाओं के प्रकाश की ओर अग्रसर होंगे ।
Article by SS Raw
Public Comments
Trending Articles
क्या हम एक ब्लैक होल में रह रहे हैं? क्या हमारा ब्रह्मांड एक विशाल ब्लैक होल है?
चलो घड़ी को उल्टा करते हैं और समय में पीछे जाते हैं। इसस..
नकुला में हालिया भारत-चीन फ्लैशपोइंट - भारतीय सेना के लिए क्यों बेहद महत्वपूर्ण है?
सिक्किम में नकुला सीमा पर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच..
2022 तक तैयार होगा दुबई का हिंदू मंदिर, पीएम मोदी ने रखी थी नींव।
यूएई के इस मंदिर की नींव पीएम Read More
विदेश नीति में छोटे से बदलाव से होगा चीन का ईलाज।
पिछले साल चीन द्वारा मार्च में चाईनीज़ वायरस के..
शहीद पति की आखिरी इच्छा पूरी करने के लिए परिवार की पहली अफसर बनेंगी ज्योति।
जम्मू-कश्मीर में शहीद नायक दीपक नैनवाल की पत्नी ज्योति न..
Top Rated Politicians
Rajya Sabha
Subrahmanyam Jaishankar, Gujarat
Public Rating
84%Rajya Sabha
Dr. Sudhanshu Trivedi, Uttar Pradesh
Public Rating
82%Track the leaders
Select the leaders from their respective constituencies