भारत के मामलों में टांग अड़ाना पाकिस्तान की पुरानी आदत है। कश्मीर मुद्दा हो या किसान आंदोलन, भारत के हर विवाद में बयान देकर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान सुर्खियां बटोर ही लेते हैं। ताजा मामला है रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ को लेकर। इमरान अब इस मामले में भी टांग अड़ा कर सोशल मीडिया पर ट्रोल हो गए हैं। रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी की लीक्ड चैट में बालाकोट का जिक्र होने के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है। कश्मीरी आतंकवादियों को पालने वाले इमरान खान ने मोदी सरकार पर आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है।
इमरान खान ने ट्वीटर पर निकाली भड़ास।
इमरान खान ने ट्वीट कर कहा है कि अरनब गोस्वामी चैट कांड यह खुलासा करता है कि मोदी सरकार और भारतीय मीडिया के बीच अपवित्र रिश्ता है, जो परमाणु हथियार से लैस इस क्षेत्र को युद्ध की आग में झोंकना चाहता है। इमरान खान ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार फासीवादी रवैया अपना रही है और उनकी सरकार इसका खुलासा करती रहेगी। इमरान ने दुनियाभर से मांग की कि वह भारत को सैन्य अजेंडे से रोके नहीं तो मोदी सरकार पूरे इलाके को ऐसे संकट में डाल देगी, जिसे कण्ट्रोल नहीं किया जा सकेगा। जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों को भेजने वाले इमरान खान ने भारत पर पाकिस्तान में आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है।
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बालाकोट को लेकर मोदी सरकार पर आरोप।
इमरान ने दावा किया कि मोदी सरकार ने चुनावी फायदे के लिए बालाकोट को अंजाम दिया। इमरान ने साल 2019 में सयुंक्त राष्ट्र में दिए अपने एक भाषण का हवाला देते हुए कहा कि मोदी सरकार ने बालाकोट का इस्तेमाल अपने घरेलू चुनावी फायदे के लिए किया है। इससे पहले पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने भी कहा था कि अरनब गोस्वामी पर हुए खुलासे ने भारत के खतरनाक सोच को उजागर कर दिया है। पाकिस्तान भी लंबे समय से यही कहता रहा है। उसने कहा कि पाकिस्तान को बदनाम करने और देश में अल्ट्रा नेशनलिज्म को बढ़ावा देने के लिए बीजेपी सरकार ने बालाकोट और सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया। इसका मकसद सिर्फ चुनाव जीतना था।
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क्या है अरनब गोस्वामी मामला?
अर्नब ने ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (BARC) के पूर्व CEO पार्थ दासगुप्ता के साथ बातचीत में बोला था कि कुछ बड़ा होने वाला है। जब दासगुप्ता ने अर्नब से सवाल किया कि क्या उनका मतलब दाऊद से है, तो रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ ने BARC के पूर्व CEO से कहा '...नहीं सर, पाकिस्तान। इस बार... यह सामान्य हमले से बड़ा होगा।” दासगुप्ता इस पर जवाब देते हैं “यह अच्छा है।” ये वॉट्सऐप चैट्स 23 फरवरी, 2019 की हैं। इन चैट्स से यह पता चलता है कि अर्नब को दो साल पहले बालाकोट में किए गए हमले की पहले से ही जानकारी थी। अर्नब को कश्मीर में आर्टिकल 370 हटाए जाने के बारे में भी पहले से पता था।
चीन ने यहां चुपके से बना दी कई किलोमीटर लंबी नई सड़क, भारत के लिए खतरे की घंटी।
अस्तोर जिला स्कर्दू के पश्चिम में है, जो पाकिस्तान का एक डिवीजन मुख्यालय है, जहां से लद्दाख ज्यादा दूर नहीं है। लद्दाख में कई स्थानों पर चीन और भारत के बीच पिछले लंबे समय से टकराव बना हुआ है।
चीन और पाकिस्तान दोनों मिलकर भारत के खिलाफ साजिशें रचने में जुटे हैं। उनकी मंशा किसी भी तरह से भारत में अस्थिरता लाने की है। उन्हें भारत को तरक्की की राह पर बढ़ते देखना रास नहीं आ रहा है।
लद्दाख और कश्मीर मुद्दे पर दोनों देशों को मुंह की खानी पड़ी है। यही वजह है कि पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ अपनी नापाक मंसूबों को अंजाम देने के लिए चीन को अपने कब्जे वाले इलाके गिलगिट बाल्टिस्तान में अपनी मनमानी करने की छूट दे रखी है।
चीन ने यहां एक ऐसी सड़क बनाने का फैसला किया है, जो 800 किलोमीटर के काराकोरम राजमार्ग को पाकिस्तान के कब्जे वाले गिलगिट बाल्टिस्तान के अस्तोर के साथ जोड़ेगी।
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लद्दाख मुद्दे पर भारत पर दबाव बनाने की है मंशा।
इस कदम के पीछे उसकी मंशा लद्दाख मुद्दे पर भारत पर दबाव बनाने की है। रिपोर्ट्स के मुताबिक चीन एक पूर्व बौद्ध फाउन्ट यरकंद को और फिर उइगर संस्कृति के सांस्कृतिक दिल को काराकोरम राजमार्ग के माध्यम से अस्तोर के साथ जोड़ना चाहता है।
एक बार 33 मीटर चौड़ी सड़क बन जाने के बाद, चीन गिलगिट बाल्टिस्तान में भारी तोपखाने को ले जाने में सक्षम होगा, जिससे लद्दाख में फॉरवर्ड एरिया में भारत के लिये को खतरा पैदा हो सकता है।
भारत के लिए खतरे की घंटी।
अस्तोर जिला स्कर्दू के पश्चिम में है, जो पाकिस्तान का एक डिवीजन मुख्यालय है, जहां से लद्दाख ज्यादा दूर नहीं है। लद्दाख में कई स्थानों पर चीन और भारत के बीच पिछले लंबे समय से गतिरोध बना हुआ है।
अस्तोर का मुख्यालय ईदगाह में है और यह गिलगिट बाल्टिस्तान के 14 जिलों में से एक है। एक लो क्वालिटी सड़क वर्तमान में ईदगाह को काराकोरम राजमार्ग से जोड़ती है, जो 43 किलोमीटर दूर है।
रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि नई सड़क के निर्माण से चीन और पाकिस्तान के बीच कश्मीर में भारत के खिलाफ दो-मोर्चे की लड़ाई शुरू करने की क्षमता बढ़ जाएगी।
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भारत ने कसी कमर।
चीन की ओर से सामरिक तौर पर महत्वपूर्ण तैनाती के साथ ही इसको काउंटर करने के लिये भारत हिमालय में ही नहीं, बल्कि इंडो-पैसिफिक में भी जवाबी कार्रवाई की तैयारी कर रहा हैय़ भारत, जापान और अमेरिका के साथ मिलकर चीन से मुकाबला करने के लिये अंडमान-निकोबार द्वीप समूह से गुजरने वाले चीनी कामर्शियल जहाजों द्वारा उपयोग किए जाने वाले सबसे महत्वपूर्ण शिपिंग लेन को लेकर रणनीति बना रहा है। साथ ही अन्तर्राष्ट्रीय मंचो से गिलगिट में सड़क निर्माण को लेकर दबाव बनाने की तैयारी है।
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